
Himaŋshʋ Gʋpta: 3 years ago
जो दोस्त प्यार से दारू का बिल भर दे .
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बस अपने लिए तो वही Santa Claus है।
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बस अपने लिए तो वही Santa Claus है।

Saurabh Gupta: 3 years ago
नारद मुनि ने सभी औरतों से कहा-
अगर आपके पति आपको एक प्यारा रोमांटिक मैसेज भेजते हैं तो बहुत अच्छी बात है…..
मगर ये बात भी सोचने की है कि उनको ये प्यारा रोमांटिक मैसेज किसने भेजा…..???
अच्छा बहनों अब मेरा काम पूरा हुआ, अब मैं चलता हूँ…..
नारायण….. नारायण…..
नारद मुनि ने सभी औरतों से कहा-
अगर आपके पति आपको एक प्यारा रोमांटिक मैसेज भेजते हैं तो बहुत अच्छी बात है…..
मगर ये बात भी सोचने की है कि उनको ये प्यारा रोमांटिक मैसेज किसने भेजा…..???
अच्छा बहनों अब मेरा काम पूरा हुआ, अब मैं चलता हूँ…..
नारायण….. नारायण…..

Saurabh Gupta: 3 years ago
गुरू जी नमस्ते!
पहचाना..?? मैँ आपका शिष्य कल्लू बोल रहा हूँ।
अरे ! कल्लू कैसे हो तुम ?? आज इतने सालो बाद…
मेरी याद कैसे आ गई ?? …
और मेरा फोन नम्बर कैसे मिल गया??
गुरूजी ! फोन नम्बर ढ़ुंढ़ना कौन सा मुश्किल था ?
जब प्यासे को प्यास लगती है तो जलस्रोत ढ़ुंढ़ ही लेता है। …
दरअसल गुरू जी हमने एक नया रोजगार शुरू किया है। …
और आपने बचपन मेँ कहा था की जब
भी कोई काम शुरू करना हमसे उदघाटन जरूर कराना।
तो हम अपने काम का उदघाटन आपसे ही कराना चाहते है।
अतिसुन्दर ! वत्स। बताओ कहाँ आना है उदघाटनके लिये हमेँ ?
गुरूजी ! आप पुराने खंडहर के पास चार लाख रूपया लेके आ जाईये। ..
आपका ‘छोटूवा’ हमरे कब्जे मेँ है।
आज से ही ‘अपरहण’ का धंधा चालू किया तो सोचा की ‘उदघाटन’ आपके शुभ हाथो से ही हो।
पहचाना..?? मैँ आपका शिष्य कल्लू बोल रहा हूँ।
अरे ! कल्लू कैसे हो तुम ?? आज इतने सालो बाद…
मेरी याद कैसे आ गई ?? …
और मेरा फोन नम्बर कैसे मिल गया??
गुरूजी ! फोन नम्बर ढ़ुंढ़ना कौन सा मुश्किल था ?
जब प्यासे को प्यास लगती है तो जलस्रोत ढ़ुंढ़ ही लेता है। …
दरअसल गुरू जी हमने एक नया रोजगार शुरू किया है। …
और आपने बचपन मेँ कहा था की जब
भी कोई काम शुरू करना हमसे उदघाटन जरूर कराना।
तो हम अपने काम का उदघाटन आपसे ही कराना चाहते है।
अतिसुन्दर ! वत्स। बताओ कहाँ आना है उदघाटनके लिये हमेँ ?
गुरूजी ! आप पुराने खंडहर के पास चार लाख रूपया लेके आ जाईये। ..
आपका ‘छोटूवा’ हमरे कब्जे मेँ है।
आज से ही ‘अपरहण’ का धंधा चालू किया तो सोचा की ‘उदघाटन’ आपके शुभ हाथो से ही हो।

Riya Gupta: 3 years ago
मैं तो स्मार्ट फोन को उस दिन स्मार्ट मानूंगा,
जब मैं चिल्लाऊँ: "अरे हमार फोन कहाँ है?"
और फोन आवाज लगा के बताये: "हियॉ हैं दद्दा हम, खटिया के निचे परे हैं।"
जब मैं चिल्लाऊँ: "अरे हमार फोन कहाँ है?"
और फोन आवाज लगा के बताये: "हियॉ हैं दद्दा हम, खटिया के निचे परे हैं।"
Himaŋshʋ Gʋpta: 3 years ago
Papa: aaja, khana kha le.
Me: brush nahi kiya.
Papa: Ek din na kare go chalega, kaunsa Tere daant safed hi hain.
Me: kal bhi nahi kiya tha.
Papa: do din nahi kare to chalega, fu to aaja.
Me: parso bhi nahi kiya tha.
Papa: *brings brick*
*breaks my teeth*
"Le ab roz mat brush karna"
Me: ;-;

Me: brush nahi kiya.
Papa: Ek din na kare go chalega, kaunsa Tere daant safed hi hain.
Me: kal bhi nahi kiya tha.
Papa: do din nahi kare to chalega, fu to aaja.
Me: parso bhi nahi kiya tha.
Papa: *brings brick*
*breaks my teeth*
"Le ab roz mat brush karna"
Me: ;-;


Himaŋshʋ Gʋpta: 3 years ago
Dard-e-dil....
Dard-e-jigar.....
Dil mein jagaya aapne.....
.
Pehle toh main shayar tha.....
Chutiya banaya aapne...

Dard-e-jigar.....
Dil mein jagaya aapne.....
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Pehle toh main shayar tha.....
Chutiya banaya aapne...


Himaŋshʋ Gʋpta: 3 years ago
आदर्श भारतीय नारी
————–
पत्नी : खाने में क्या बनाऊँ ?
पति :: कुछ भी बना लो — वैसे क्या बनाओगी ?
पत्नी : जो आप कहो ।
पति :: दाल चावल बना लो ।
पत्नी : सुबह तो खाए थे ।
पति :: रोटी सब्ज़ी बना लो ।
पत्नी : बच्चे नहीं खाएँगे ।
पति :: छोले पूरी बना लो ।
पत्नी : मुझे फ्राइड चीज़ों से हैवी हो जाता है ।
पति :: अंडा भुर्जी बना लो ।
पत्नी : आज मंगलवार है ।
पति :: पराँठे ?
पत्नी : रात को ?
पति :: होटल से मंगवा लेते हैं ।
पत्नी : रोज़ रोज़ बाहर का खाना नहीं खाया जाता ।
पति :: कढ़ी चावल ?
पत्नी : दही नहीं है
पति :: इडली साम्भर ?
पत्नी : टाइम लगेगा पहले बताना था न !
पति :: एक काम करो मैगी बना लो ।
पत्नी : उससे पेट नहीं भरता ।
पति :: पास्ता बना लो ।
पत्नी : उससे लूज़ मोशन नहीं हो जायेंगे ?
पति :: भिन्डी फ्राई और रोटी बना लो
पत्नी : यार भिन्डी को काटने में तो बहुत टाइम लगता है ।
पति :: फ्रूट सलाद ही खा लेते है ।
पत्नी : रात को भूख लगेगी ।
पति :: बेक्ड वेजिटेबल बना लो ।
पत्नी : उफ़ माइक्रोवेव को भी अभी ही ख़राब होना था ।
पति :: खिचड़ी ही बना दो ।
पत्नी : कूकर धुला हुआ नहीं है ।
पति :: फिर क्या बनाओगी ?
पत्नी : जो आप कहें !!

————–
पत्नी : खाने में क्या बनाऊँ ?
पति :: कुछ भी बना लो — वैसे क्या बनाओगी ?
पत्नी : जो आप कहो ।
पति :: दाल चावल बना लो ।
पत्नी : सुबह तो खाए थे ।
पति :: रोटी सब्ज़ी बना लो ।
पत्नी : बच्चे नहीं खाएँगे ।
पति :: छोले पूरी बना लो ।
पत्नी : मुझे फ्राइड चीज़ों से हैवी हो जाता है ।
पति :: अंडा भुर्जी बना लो ।
पत्नी : आज मंगलवार है ।
पति :: पराँठे ?
पत्नी : रात को ?
पति :: होटल से मंगवा लेते हैं ।
पत्नी : रोज़ रोज़ बाहर का खाना नहीं खाया जाता ।
पति :: कढ़ी चावल ?
पत्नी : दही नहीं है
पति :: इडली साम्भर ?
पत्नी : टाइम लगेगा पहले बताना था न !
पति :: एक काम करो मैगी बना लो ।
पत्नी : उससे पेट नहीं भरता ।
पति :: पास्ता बना लो ।
पत्नी : उससे लूज़ मोशन नहीं हो जायेंगे ?
पति :: भिन्डी फ्राई और रोटी बना लो
पत्नी : यार भिन्डी को काटने में तो बहुत टाइम लगता है ।
पति :: फ्रूट सलाद ही खा लेते है ।
पत्नी : रात को भूख लगेगी ।
पति :: बेक्ड वेजिटेबल बना लो ।
पत्नी : उफ़ माइक्रोवेव को भी अभी ही ख़राब होना था ।
पति :: खिचड़ी ही बना दो ।
पत्नी : कूकर धुला हुआ नहीं है ।
पति :: फिर क्या बनाओगी ?
पत्नी : जो आप कहें !!

